राजू जब १४ साल को हो गया (सन १९७३) तो एक दिन उसे अपने पिता जी श्री गजेन्द्र जी से पता च राजू जब १४ साल को हो गया (सन १९७३) तो एक दिन उसे अपने पिता जी श्री गजेन्द्र जी स...
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये पश्चाताप के आँसू हैं या घड़ियाल के ? मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये पश्चाताप के आँसू हैं या घड़ियाल के ?
पहले सास ननद से डर कर फिर पति से डर कर ज़िन्दगी बीत गई। अब बहुओं से डर कर गुजरेगी। मेरी बारी न जान... पहले सास ननद से डर कर फिर पति से डर कर ज़िन्दगी बीत गई। अब बहुओं से डर कर गुजरे...
"जिंदगी एक परीक्षा है जिसमें हमेशा हमें सवालों को हल करना होता है एक बार नहीं हुआ तो दू "जिंदगी एक परीक्षा है जिसमें हमेशा हमें सवालों को हल करना होता है एक बार नहीं हु...
आदिम युग से इक्कीसवीं सदी तक स्त्री का एक भी दिन नही जिया,अतीत और वर्तमान ने एक ही दिन भारी था आदिम युग से इक्कीसवीं सदी तक स्त्री का एक भी दिन नही जिया,अतीत और वर्तमान ने एक ...
रह गया है, एक तो सिर्फ़ ख़ालीपन, और... एक तुम्हारा न होना। रह गया है, एक तो सिर्फ़ ख़ालीपन, और... एक तुम्हारा न होना।